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पंजाब की माटी पर बिहारी शासन की धूम

बदले बिहार में 'क्राइमÓ करना कितना घातक है इसे बता रहे हैं पंजाबी। पंजाब के लोगों की नजर में बिहार पहले जैसा नहीं है। 'बदला बिहारÓ है। इसका शासन ठीक है और प्रशासन ठीक, वरना पंजाबी तो ...! बिहार के चम्पारण में पूरी तरह से छिपे एक आपराधिक गिरोह के चंगुल से मुक्त पंजाब, लुधियाना के गोविंदगढ़ फत्तेगढ़ निवासी स्व. रतन सिंह के अभियंता पुत्र रवीन्द्र सिंह, उनके चचेरे भाई राजेन्द्र सिंह व समधी सुरजीत सिंह। रवीन्द्र के भाई व समधी ने बेतिया न्यायालय परिसर में जो कहा वह बिहार के लिए अहम था - 'जब चम्पारण के अपराधियों ने रवीन्द्र के अपहरण की सूचना दी तो अपने राज्य की पुलिस के पास दौड़े कुछ भी नहीं हुआ। फिर रिश्तेदारों के पास, उन्होंने कहा - नहीं वहां नहीं जाना हमें। पैसे ले लो और मामला देख लो। फिर क्या हमारे चाचा का लाल था और हमारे हानेवाले समधी थे, सो हम जान हथेली पर रख यहां के लिए चले। यहां आए तो हमारा आदमी हमें सबसे पहले मिल गया। जहां गए वहां मदद मिली और लगा कि बिहार के नीतीश और पुलिस तो 100 नहीं 200 फीसदी सुरक्षा के लिए संजीदा है।Ó हमने यहां आने से पहले लुधियाना के ही अभियंता योगेन्

आखिर क्यों पगला गई एक जननी?

कहते हैं जब आदमी खुद की नजरों से गिरने लगता है तो उसके पास कम ही विकल्प बच जाते हैं। आइए समाज में प्रचलित कुछ विकल्पों से आपको रु-ब-रु कराता हूं। पहला उस कारण को काट देना, जो किसी को उसकी अपनी ही नजरों से गिरा रहा हो। दूसरा अपने ही जीवन की इह लीला को समाप्त कर लेना। या फिर दोनो। लेकिन आदमी जिल्लत भरी जिंदगी से निकलने की पुरजोर कोशिश करता है। वह तब-तब जब उसकी आत्मा उसके किए के लिए उसे कोसती है। कुछ ऐसा ही हुआ बिहार पुर्णिया सदर के भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी हत्याकांड। मर्डर होता है, लेकिन जब कोई महिला खंजर लिए सड़क पर भीड़ में आ जाती है तो यह बात हल्की नहीं होती। इन दिनों बिहार की सुर्खियों में है विधायक केसरी का मर्डर। पूरे प्रदेश में विधायकों की सुरक्षा की समीक्षा शुरू हो गई है। परंतु, किसी ने इस बात की समीक्षा नहीं शुरू की है कि आखिर वजह क्या बन रही है इस तरह के वारदातों की? आखिर क्यों दो बच्चों की मां और कई बच्चों की प्यारी सी शिक्षिका इस कदर पगला गई कि उसने जानबूझकर मौत से बेपरवाह होकर एक विधायक को चाकू से गोद डाला। यहीं नहीं उसकी वह कौन सी पीड़ा थी जो बार-बार यह कह रही थी कि वह