आखिर क्यों पगला गई एक जननी?
कहते हैं जब आदमी खुद की नजरों से गिरने लगता है तो उसके पास कम ही विकल्प बच जाते हैं। आइए समाज में प्रचलित कुछ विकल्पों से आपको रु-ब-रु कराता हूं। पहला उस कारण को काट देना, जो किसी को उसकी अपनी ही नजरों से गिरा रहा हो। दूसरा अपने ही जीवन की इह लीला को समाप्त कर लेना। या फिर दोनो। लेकिन आदमी जिल्लत भरी जिंदगी से निकलने की पुरजोर कोशिश करता है। वह तब-तब जब उसकी आत्मा उसके किए के लिए उसे कोसती है। कुछ ऐसा ही हुआ बिहार पुर्णिया सदर के भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी हत्याकांड। मर्डर होता है, लेकिन जब कोई महिला खंजर लिए सड़क पर भीड़ में आ जाती है तो यह बात हल्की नहीं होती। इन दिनों बिहार की सुर्खियों में है विधायक केसरी का मर्डर। पूरे प्रदेश में विधायकों की सुरक्षा की समीक्षा शुरू हो गई है। परंतु, किसी ने इस बात की समीक्षा नहीं शुरू की है कि आखिर वजह क्या बन रही है इस तरह के वारदातों की? आखिर क्यों दो बच्चों की मां और कई बच्चों की प्यारी सी शिक्षिका इस कदर पगला गई कि उसने जानबूझकर मौत से बेपरवाह होकर एक विधायक को चाकू से गोद डाला। यहीं नहीं उसकी वह कौन सी पीड़ा थी जो बार-बार यह कह रही थी कि वह