पर्यावरण : देखिए सरकार कहीं खत्म न हो जाएं बाघ
मैं 12 मार्च को एक ऐसी अन्त्येष्टि में शामिल होने गया था, जिसमें शामिल होने का अवसर हर आम को नहीं होता है। देखे तो आंख भर आए। यह कैसी अन्त्येष्टि है कि अन्त्येष्टि स्थल के पास ही लाश के हर हिस्से को फाड़कर रख दिया। बहुत सताया अब क्या सता पाएगी लाश है फाड़ डालो नौकरी का सवाल है और सरकार को जवाब भी देना है। ऐसी भी अन्त्येष्टि होती आप लोगों को जरा आश्चर्यजनक लग रहा होगा। परंतु, सच मानिए यह भी एक शव यात्रा ही है अंतर बस इतना है कि यह आदमी की शव यात्रा नहीं है वरन देश की सरकार के लिए चिंता का कारण बने जंगल की शान बाघ की रानी बाघिन की शव यात्रा है। स्थल है बिहार का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व। दरअसल इस परियोजना के मदनपुर वनक्षेत्र से रायल बंगाल टाइग्रेस (बाघिन) की लाश 11 मार्च को एक गड्ढे में मिली। लाश क्या मिली विभाग का सारा अमला परेशान हो गया। आनन-फानन में राजधानी पटना से अधिकारियों की टीम चली। मदनपुर पहुंची और फिर 12 मार्च को चिकित्सक ने बाघिन की लाश को फाड़कर देखा कि कैसे मर गई? तत्काल कुछ भी पता नही चला। इतनी जानकारी हो गई कि बाघिन सात दिन पहले मरी होगी। फिर बेसरा सुरक्षित कर दिया गया और बाघि