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Showing posts from May, 2010

बिहार, विकास, विश्वास और नीतीश

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स्टार्ट लेता हूं बिहार की एक ऐसी पंचायत से जहां कल तक भूख थी, बेकारी थी, गरीबी थी। इसी खाई को पाटने के लिए बिहार सरकार ने राज्य की कुछ चुनिंदा पंचायतों को आदर्श पंचायत का दर्जा दिया। उन्हीं में से एक है राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला के रामनगर प्रखंड की बगही पंचायत। दरअसल यह एक ऐसी पंचायत है, जिसने शायद कभी न तो विकास का रंग देखा और नहीं किसी विश्वास का पात्र बन पाया। वजह अब से एक दशक पहले तक तो यहां सड़क दलदल जमीन पर थी। चाहकर भी कोई कुछ नहीं कर पाता था। गांव में कोई बीमार पड़ता था तो इलाज के चार लोग मिलते थे और खाट पर लादकर सालम आदमी डाक्टर के पास ले जाया जाता था। परंतु, अब फिजा थोड़ी बदली है। यहां तक आने के लिए पक्की सड़क बन गई है। इस सड़क पर जुगाड़ (पटवन की मशीन से बना वाहन) के साथ-साथ माडा योजना के तहत दिए गए वाहन भी सवारी (आदमी) ढोते हैं। गांव के बगल में स्कूल खुले हैं और बच्चे पढऩे लगे हैं। गांव में डीलर राशन व केरोसिन देता है। परंतु, आज भी यहां गरीबी का स्थाई डेरा है। बात विकास के बूते जनता के दिल में उगे विश्वास के पेड़ की थी, सो उसकी हरियाली को मापने का मन बनाया बिहार के मुख्यम

आप आए जनाब वर्षों में, हमने देखी बहार वर्षों में...

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दिन बुधवार। तारीख 28 अप्रैल। साल 2010। स्थल बिहार की इकलौती व्याघ्र परियोजना वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का इलाका- वाल्मीकिनगर। शाम के बादल मंडराने वाले थे कि वाल्मीकिनगर के ऐतिहासिक हवाई अड्डे पर एक उडऩखटोले ने दस्तक दिया। उससे उतरे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। वजह जनता से मिलने का अपने आप को जनता के बीच तौलने का। सवाल जनता का तो था ही अपनी मन की शांति का भी था, सो हवाई अड्डे पर ही नेताओं, मंत्रियों से मिले और चले गए अतिथि गृह। थोड़ी देर रुके फिर याद आ गई जंगल की, जंगल के राजा की, जंगल के हाल की। अतिथि गृह से अचानक सीएम का काफिला निकला और प्रवेश कर गया टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में। बात किसी के समझ आ नहीं रही थी कि क्या हो रहा है? आखिर इस सीएम को हुआ क्या है? थोड़ी देर में यह सीएम कार से उतर गए। जंगल के पत्थरों को देखने लगे। जंगल में लगे दीमकों के मिïट्टी वाले भिंड को निहारने लगे। सभी भौंचक थे। किसी को हिम्मत नहीं हो रही थी कि कुछ बोले। एसपी डा. सिद्धार्थ बताए जा रहे थे। फिर अचानक नीतीश दाखिल हो गए टाइगर रिजर्व के गनौली गेस्ट हाउस में। वहां मिल गए वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया के समीर