बिहार, विकास, विश्वास और नीतीश
स्टार्ट लेता हूं बिहार की एक ऐसी पंचायत से जहां कल तक भूख थी, बेकारी थी, गरीबी थी। इसी खाई को पाटने के लिए बिहार सरकार ने राज्य की कुछ चुनिंदा पंचायतों को आदर्श पंचायत का दर्जा दिया। उन्हीं में से एक है राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला के रामनगर प्रखंड की बगही पंचायत। दरअसल यह एक ऐसी पंचायत है, जिसने शायद कभी न तो विकास का रंग देखा और नहीं किसी विश्वास का पात्र बन पाया। वजह अब से एक दशक पहले तक तो यहां सड़क दलदल जमीन पर थी। चाहकर भी कोई कुछ नहीं कर पाता था। गांव में कोई बीमार पड़ता था तो इलाज के चार लोग मिलते थे और खाट पर लादकर सालम आदमी डाक्टर के पास ले जाया जाता था। परंतु, अब फिजा थोड़ी बदली है। यहां तक आने के लिए पक्की सड़क बन गई है। इस सड़क पर जुगाड़ (पटवन की मशीन से बना वाहन) के साथ-साथ माडा योजना के तहत दिए गए वाहन भी सवारी (आदमी) ढोते हैं। गांव के बगल में स्कूल खुले हैं और बच्चे पढऩे लगे हैं। गांव में डीलर राशन व केरोसिन देता है। परंतु, आज भी यहां गरीबी का स्थाई डेरा है। बात विकास के बूते जनता के दिल में उगे विश्वास के पेड़ की थी, सो उसकी हरियाली को मापने का मन बनाया बिहार के मुख्यम