यह त्याग है या लिप्सा...
बिहार में इन दिनों राजनीतिक भूचाल आया है। यह भूचाल भाजपा व जदयू के बीच का है। बिल्कुल सांप-छछूंदर जैसा। सूबे के मुखिया नीतीश कुमार का मिजाज इन दिनों बदला-बदला सा है। दोस्ती में दरार पड़ी है। सारा बवाल सिर्फ एक विज्ञापन को लेकर है। वह भी सत्ता के भागीदार दल के ही नेता गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ हाथ में हाथ डाले तस्वीर को लेकर। विज्ञापन छपा। नीतीश जी ने पहले तो सहयोगी दल भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के लिए आयोजित भोज को स्थगित किया। विज्ञापन छपने को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी और बाद में गुजरात सरकार से कोसी आपदा के समय आई राहत की राशि वापस कर दी। राज्य की जनता स्तब्ध है कि आखिर अपने इस राज्य में हो क्या रहा है। सत्ता के गलियारे में सीन साफ हो चुका है कि सारा मामला अल्पसंख्यक वोट को लेकर है। अब मामला आमने-सामने की जंग में तब्दील होता नजर आ रहा है। नीतीश जी की विश्वास यात्रा से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किनारा क्या किया उन्होंने राजधानी के पटना सिटी (राजग संयोजक नंदकिशोर यादव के क्षेत्र) में आयोजित कार्यक्रम को रद कर दिया। वजह मोदी जी ने उनके एक कार्यक्